काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा। जीवन हो समरस प्रेम भर

"काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा। जीवन हो समरस प्रेम भरा। ना हिंदू हो ना मुसलमान सब बन जाए केवल और केवल इंसान। सरहदें हटे बेर भाव मिटे धर्म जात पात के बंधन कटे शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा। चारों ओर खुशहाली, हरियाली हो। सदा प्रेमरस झरे ऐसी जन-जीवन प्याली हो। सुख दुख में साथ निभाए कोई जेब ना खाली हो फल फूल धन-धान्य से परिपूर्ण हो धरा काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK *बबलेश कुमार*"

 काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।
जीवन हो समरस प्रेम भरा।
ना हिंदू हो ना मुसलमान
सब बन जाए 
केवल और 
केवल इंसान।

सरहदें हटे बेर भाव मिटे
धर्म जात पात के बंधन कटे
शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा

काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा।

चारों ओर खुशहाली, हरियाली हो।
सदा प्रेमरस झरे ऐसी जन-जीवन प्याली हो।
सुख दुख में साथ निभाए
कोई जेब ना खाली हो

फल फूल धन-धान्य से परिपूर्ण हो धरा
काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK

*बबलेश कुमार*

काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा। जीवन हो समरस प्रेम भरा। ना हिंदू हो ना मुसलमान सब बन जाए केवल और केवल इंसान। सरहदें हटे बेर भाव मिटे धर्म जात पात के बंधन कटे शांति सद्भाव मैत्रीपूर्ण हो धरा काश! प्रेममय हो संपूर्ण धरा। चारों ओर खुशहाली, हरियाली हो। सदा प्रेमरस झरे ऐसी जन-जीवन प्याली हो। सुख दुख में साथ निभाए कोई जेब ना खाली हो फल फूल धन-धान्य से परिपूर्ण हो धरा काश! प्रेममय हो सम्पूर्ण धरा।..BLK *बबलेश कुमार*

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