।। गांव छोड़ आया ।। सुकून की चाह में गांव छोड़ आय | हिंदी कविता Video

"।। गांव छोड़ आया ।। सुकून की चाह में गांव छोड़ आया पीपल की ठंडी छांव छोड़ आया मां के आंचल की पनाह छोड़ आया बाबा का प्यार और बाँह छोड़ आया कच्चे मकान की ठाँव छोड़ आया शहर की चाह में गांव छोड़ आया आम पर कोयल की कूक छोड़ आया चूल्हे पर अपनी भूख छोड़ आया मिट्टी का घड़ा और प्यास छोड़ आया चौका डेहरी मुंडेर उदास छोड़ आया पलाश के वो सारे रंग छोड़ आया जीने के तरीके और ढंग छोड़ आया कांधे पर यारों के हाँथ छोड़ आया रिश्तो की डोर और साथ छोड़ आया मधुर बयार का गीत छोड़ आया बचपन का अपना मीत छोड़ आया आंगन मे तुलसी और खाट छोड़ आया सितारों से भरी वो रात छोड़ आया कंचे की बाजी और जीत छोड़ आया तीज त्योहारों की रीत छोड़ आया वो तालाब पगडंडी खलिहान छोड़ आया ख़प्पर का कच्चा मकान छोड़ आया पीतल के अपने वो राम छोड़ आया बापू की छोटी दुकान छोड़ आया गांव में मैं अपनी जान छोड़ आया बचपन का अपना वो नाम छोड़ आया।।।।। ©अपर्णा विजय ©अपर्णा विजय "

।। गांव छोड़ आया ।। सुकून की चाह में गांव छोड़ आया पीपल की ठंडी छांव छोड़ आया मां के आंचल की पनाह छोड़ आया बाबा का प्यार और बाँह छोड़ आया कच्चे मकान की ठाँव छोड़ आया शहर की चाह में गांव छोड़ आया आम पर कोयल की कूक छोड़ आया चूल्हे पर अपनी भूख छोड़ आया मिट्टी का घड़ा और प्यास छोड़ आया चौका डेहरी मुंडेर उदास छोड़ आया पलाश के वो सारे रंग छोड़ आया जीने के तरीके और ढंग छोड़ आया कांधे पर यारों के हाँथ छोड़ आया रिश्तो की डोर और साथ छोड़ आया मधुर बयार का गीत छोड़ आया बचपन का अपना मीत छोड़ आया आंगन मे तुलसी और खाट छोड़ आया सितारों से भरी वो रात छोड़ आया कंचे की बाजी और जीत छोड़ आया तीज त्योहारों की रीत छोड़ आया वो तालाब पगडंडी खलिहान छोड़ आया ख़प्पर का कच्चा मकान छोड़ आया पीतल के अपने वो राम छोड़ आया बापू की छोटी दुकान छोड़ आया गांव में मैं अपनी जान छोड़ आया बचपन का अपना वो नाम छोड़ आया।।।।। ©अपर्णा विजय ©अपर्णा विजय

#मेरा गांव

People who shared love close

More like this

Trending Topic