"तु हो या ना हो मैं फिक्र नही करता
दिल के दर्द का मैं खुलेआम जिक्र नहीं करता
खुष रेहना हमारे फिदरत हैं
मैं फिक्र कि भी फिक्र नहीं करता......
By-swapnil mane"
तु हो या ना हो मैं फिक्र नही करता
दिल के दर्द का मैं खुलेआम जिक्र नहीं करता
खुष रेहना हमारे फिदरत हैं
मैं फिक्र कि भी फिक्र नहीं करता......
By-swapnil mane