ये चंद्रमा तो अधूरा है इस चंद्रमा पर क्या लिखूँ।
मेरा ख्वाब भी पूरा हुआ, पूरे हुए पर क्या लिखूँ।।
लिखना था आसमाँ पे भी पर आसमाँ पर क्या लिखूँ।
ये आसमाँ भी तो ऊँचा है, ऊंचे हुए पर क्या लिखूँ।।
सोचा था तारों पर लिखूँ पर तारों पर भी क्या लिखूँ।
ये तारें तो छोटे हैं सब, छोटे हुए पर क्या लिखूँ।।
तुझ सा कोई मिला नहीं सोचा था तुझ पर ही लिखूंँ।
तु जान है मेरी सनम, मैं अपनी जाँ पर क्या लिखूँ।।
#StarsthroughTree