किसी की कमजोरी, किसी का जोर है जिंदगी,
किसी की हार, किसी जीत का शोर है जिंदगी।
ना जाने किस तलाश में डेरे डालें बैठे हैं यहां,
टिकता कुछ नहीं, आने जाने का दौर है जिंदगी।
एक कदम पर राही ने प्यास से दम तोड़ दिया,
दूसरे कदम बारिश में नाचता मोर है जिंदगी।।
तीन बेटों की माँ, दिवाली के दिए अकेले सजाती है,
उस दिन समझ आया, असल मैं चोर है जिंदगी।।
धन दौलत, इज्जत शोहरत, बस मनके हैं माला के ।
एक झटके में टूट जाए, ऐसी डोर है जिंदगी।।
©Mannu Barsiwal
#Life