रंग बदलना जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें। चरण कि | हिंदी कविता

"रंग बदलना जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें। चरण किसके चूमना कब,परख की हम क्या कहें। दलों को दल दल समझते,हैं बिना दल रहते सदा, हैं सितारे उदित जिसके,साथ बस उसके रहें। ©Manjul mahoba"

 रंग  बदलना  जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें।
चरण किसके चूमना कब,परख की हम क्या कहें।
दलों को दल दल समझते,हैं बिना दल रहते सदा,
हैं  सितारे  उदित  जिसके,साथ  बस  उसके  रहें।

©Manjul mahoba

रंग बदलना जानते सो, आदर्श गिरगिट को रखें। चरण किसके चूमना कब,परख की हम क्या कहें। दलों को दल दल समझते,हैं बिना दल रहते सदा, हैं सितारे उदित जिसके,साथ बस उसके रहें। ©Manjul mahoba

#गिरगिटकीतरहरंगबदलेलोग

#Dussehra

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