मिरे जनाजे पर हैं दरबार मिरा यानी मुझ पर हक हर ब | English Shayari

"मिरे जनाजे पर हैं दरबार मिरा यानी मुझ पर हक हर बार मिरा तकरीबन जान सको हूँ वो शख्सियत मगर मुमकिन नहीं शिकार मिरा फिक्र तुम अपनी आबरू की करना आइने में चलता है किरदार मिरा मासूमियत की विदाई से रूसवा हुई हंसी मिरी अब दिखता नहीं वो प्यार मिरा अल्फ़ाज़ो की खूबसूरती में बह गयी किटु लफ्जों की निशानी में हैं वार मिरा ©your feelings with my voice kittu"

 मिरे जनाजे पर हैं दरबार मिरा
 यानी मुझ पर 
हक हर बार मिरा
तकरीबन जान सको हूँ वो शख्सियत 
मगर मुमकिन नहीं शिकार मिरा 
फिक्र तुम अपनी आबरू की करना
 आइने में  चलता है किरदार मिरा 
मासूमियत की विदाई से रूसवा हुई 
हंसी मिरी 
अब दिखता नहीं वो प्यार मिरा 
अल्फ़ाज़ो की खूबसूरती में बह गयी 
किटु 
लफ्जों की निशानी में   हैं वार मिरा

©your feelings with my voice kittu

मिरे जनाजे पर हैं दरबार मिरा यानी मुझ पर हक हर बार मिरा तकरीबन जान सको हूँ वो शख्सियत मगर मुमकिन नहीं शिकार मिरा फिक्र तुम अपनी आबरू की करना आइने में चलता है किरदार मिरा मासूमियत की विदाई से रूसवा हुई हंसी मिरी अब दिखता नहीं वो प्यार मिरा अल्फ़ाज़ो की खूबसूरती में बह गयी किटु लफ्जों की निशानी में हैं वार मिरा ©your feelings with my voice kittu

#candle

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