White स्वार्थ परक रिश्तों की उम्र स्वार्थ तक सिमट | हिंदी शायरी

"White स्वार्थ परक रिश्तों की उम्र स्वार्थ तक सिमट जाती है, मन के रिश्तों की डोर श्मशान के राख सिमटने तक चलती है... ©Dr.Pankaj Singh"

 White स्वार्थ परक रिश्तों की उम्र स्वार्थ तक सिमट जाती है, 
मन के रिश्तों की डोर श्मशान के राख सिमटने तक चलती है...

©Dr.Pankaj Singh

White स्वार्थ परक रिश्तों की उम्र स्वार्थ तक सिमट जाती है, मन के रिश्तों की डोर श्मशान के राख सिमटने तक चलती है... ©Dr.Pankaj Singh

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