हर सांस गिरवीं है यहां
क्या राजा-क्या रंक
सब परेशान है यहां
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
दूर कर दो जग का ये अंधेरा
क्या बुढ़े-क्या बच्चे
क्या नर-क्या नारी
लौटा दो चेहरों की मुश्कान हमारी
चहका दो खुशियों से ये जग
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
हर तरफ चीख है
अपनो की आंखे नम है
पास होकर भी सब दूर है
डर के खौफ से है ये जहां जवान
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
माफ करो हमारे बुरे कर्मो को
आप ही एक आस है
आपसे ही विश्वास है
आप ही सब मे है
आप ही कण-कण में है
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
हे प्रभु!!!
सुन लो विनती हमारी...
©aditya kumar
#Nodiscrimination