बस तुम्हारे लिए ही धड़कता है दिल
धड़कनो के ज़बाँ से ये कहता है दिल
बस तुम्हें याद ही आती होगी मिरी
आके देखो यहाँ रोज़ रोता है दिल
कुछ बयाँ करती है आँखें दिल की बातें
आंखें है आइना और पर्दा है दिल
आँखों को ज़ख्म तो बे-हिसाब अता है
तुम्हारे ही लिए बस झगड़ता है दिल
मुद्दतो से ये मुर्दा सा था कोने में इक
लम्स से तेरे फिर से ये धड़का है दिल
(लम्स =touch)
चाँद देखा तारें देखे देखा ना तुझ को
जब तुझे ना देखा कुछ न देखा है दिल
कुछ तो मजबूरियाँ भी रही हिज्र में
पास उसके जो है हाँ वो मेरा है दिल
(हिज्र = seperation, जुदाई )
मौजज़ा इक किया है खुदा इस तरह
दरिया है आँखों में और सहरा है दिल
(मौजज़ा =miracle, चमत्कार )
©Raj Tiwari
#Rose