राम जी सा प्यार हो पांडवों जैसा विचार हो नारी मांग | हिंदी कविता

"राम जी सा प्यार हो पांडवों जैसा विचार हो नारी मांगे तो स्वर्ण हिरण ....लाने चले जाए सम्मान पर आंच आए तो महाभारत के लिए तैयार हो रावण के अनेकों अत्याचार हो पर अपने प्रेम की रक्षा के लिए शत्रुओं का संहार हो नारीत्व भी ऐसा जिसमे अग्नि परीक्षा भी स्वीकार हो त्याग व समर्पण......ही जीवन में प्रेम का सबसे बड़ा आधार हो गौत्तम ©Dheeraj Gauttam"

 राम जी सा प्यार हो
पांडवों जैसा विचार हो
नारी मांगे तो स्वर्ण हिरण ....लाने चले जाए
सम्मान पर आंच आए तो महाभारत के लिए तैयार हो
रावण के अनेकों अत्याचार हो पर
अपने प्रेम की रक्षा के लिए शत्रुओं का संहार हो
नारीत्व भी ऐसा जिसमे अग्नि परीक्षा भी स्वीकार हो

त्याग व समर्पण......ही जीवन में
प्रेम का सबसे बड़ा आधार हो


गौत्तम

©Dheeraj Gauttam

राम जी सा प्यार हो पांडवों जैसा विचार हो नारी मांगे तो स्वर्ण हिरण ....लाने चले जाए सम्मान पर आंच आए तो महाभारत के लिए तैयार हो रावण के अनेकों अत्याचार हो पर अपने प्रेम की रक्षा के लिए शत्रुओं का संहार हो नारीत्व भी ऐसा जिसमे अग्नि परीक्षा भी स्वीकार हो त्याग व समर्पण......ही जीवन में प्रेम का सबसे बड़ा आधार हो गौत्तम ©Dheeraj Gauttam

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