न आए कान्हा :- बर्षो किया इंतज़ार पर तुम न आए कान | हिंदी कविता Video

"न आए कान्हा :- बर्षो किया इंतज़ार पर तुम न आए कान्हा, ले-ले तेरा नाम जग सारा मारे मुझको ताना। नज़र भर देखना चाहतीं ये प्यासी अखियां, करना चाहती बावरी तोसे हिय की बतियां। तुम न आए मनमोहन फिर भी राह निहारु, व्याकुल हृदय से लिखती हूं मैं तोहे पतियां। हम पापन फूटे भाग हमारे जो तुम छोड़ गए, मोह,नेह, अपनेपन का सारा नाता तोड़ गए। भक्ति-भाव न जानू मैं! प्रेम समर्पण ही मानूं, क्या भूल हुई हमसे माधव जो मुख मोड़ गए? वृन्दावन की गली-गली में ढूंढूं तोहे घनश्याम, इक छलक मिले तेरी मन पा जाएगा विश्राम। मुक्त करो प्रभु जी इस मिथ्या जीवन बंधन से, वृन्दावन की रज लपेटे पुकारु मैं तेरा ही नाम। अर्चना तिवारी तनुजा ©Archana Tiwari Tanuja "

न आए कान्हा :- बर्षो किया इंतज़ार पर तुम न आए कान्हा, ले-ले तेरा नाम जग सारा मारे मुझको ताना। नज़र भर देखना चाहतीं ये प्यासी अखियां, करना चाहती बावरी तोसे हिय की बतियां। तुम न आए मनमोहन फिर भी राह निहारु, व्याकुल हृदय से लिखती हूं मैं तोहे पतियां। हम पापन फूटे भाग हमारे जो तुम छोड़ गए, मोह,नेह, अपनेपन का सारा नाता तोड़ गए। भक्ति-भाव न जानू मैं! प्रेम समर्पण ही मानूं, क्या भूल हुई हमसे माधव जो मुख मोड़ गए? वृन्दावन की गली-गली में ढूंढूं तोहे घनश्याम, इक छलक मिले तेरी मन पा जाएगा विश्राम। मुक्त करो प्रभु जी इस मिथ्या जीवन बंधन से, वृन्दावन की रज लपेटे पुकारु मैं तेरा ही नाम। अर्चना तिवारी तनुजा ©Archana Tiwari Tanuja

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#न_आए_कान्हा #MyThoughts
07/09/2023

बर्षो किया इंतज़ार पर तुम न आए कान्हा,
ले-ले तेरा नाम जग सारा मारे मुझको ताना।

नज़र भर देखना चाहतीं ये प्यासी अखियां,

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