सोच समझकर अपने शब्दों को चुनिए यहां दोबारा सुधारने | हिंदी Life

"सोच समझकर अपने शब्दों को चुनिए यहां दोबारा सुधारने की गुंजाइश नहीं होती। ©शून्य"

 सोच समझकर अपने शब्दों को चुनिए
यहां दोबारा सुधारने की गुंजाइश नहीं होती।

©शून्य

सोच समझकर अपने शब्दों को चुनिए यहां दोबारा सुधारने की गुंजाइश नहीं होती। ©शून्य

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#good_morning

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