nullइज़हार #NojotoVoice
इज़हार ...रचना - इजहार
जब से तुम्हारे नाम की मिश्री होठ लगाई है
मीठे मीठे से गम हैं और मीठी सी तन्हाई है
तुम तो तोहफा हो अनमोल सा जो दिल को मिल गए हो ..
ये अब वो भी देखने लगा है जो आंखे छोड़ जाती है
तुम्हारी बस तुम्हारी सूरत बस इसको अब भाती है
अब तुम्हे देखने के बाद ही .. इन आँखों में चमक आती है
तुम जरुरी हो गई हो कुछ यूँ मेरे लिए ..