मौसम की तरह तुम
नज़र से दूर हैं फिर भी फ़िज़ा में शामिल हैं
की तेरे प्यार की खुशबू हवा में शामिल हैं
हम चाह कर भी तेरे पास आ नहीं सकते
की दूर रहना भी मेरी वफ़ा में शामिल हैं
©Nitu Singh(जज़्बातदिलके)
मौसम की तरह तुम ...!
नज़र से दूर हैं फिर भी फ़िज़ा में शामिल हैं,
की तेरे प्यार की खुशबू हवा में शामिल हैं..!
हम चाह कर भी तेरे पास आ नहीं सकते,
की दूर रहना भी मेरी वफ़ा में शामिल हैं..!!
©️Nitu Singh(जज़्बातदिलके)