अरी कलम लिखती क्यूँ नहीं उसके लिये वो सच में बहुत | हिंदी कविता

"अरी कलम लिखती क्यूँ नहीं उसके लिये वो सच में बहुत अच्छा है थोड़ा नाक में गुस्सा है फिर उम्र भी किशोर है यौवन का भी जोर है नाज़ नखरा तो बनता है अब इतना तो चलता है चल,हम उसे अपने ही ढंग से मनाते हैं उसके लिये कुछ लिख जाते हैं बोल उसे सूरज कह दूँ कि चंदा बड़ा कमाल है वो बंदा लिख नाssss..? उसकी मुस्कान पर खिल जाता है दिल उसके रूठते ही मर जाता है दिल अपनी रचना में दो अश्क़ गिरा पूरी सिद्द्त से उसे बुला देखना वो जरूर आयेगा तुझे चूमकर सीने से लगायेगा अरी रूठने मनाने की रीत है प्रेम में क्या हार क्या जीत है ©अज्ञात"

 अरी कलम लिखती क्यूँ नहीं उसके लिये 
वो सच में बहुत अच्छा है 
थोड़ा नाक में गुस्सा है 
फिर उम्र भी किशोर है 
यौवन का भी जोर है 
नाज़ नखरा तो बनता है 
अब इतना तो चलता है 
चल,हम उसे अपने ही ढंग से मनाते हैं 
उसके लिये कुछ लिख जाते हैं 
बोल उसे सूरज कह दूँ कि चंदा 
बड़ा कमाल है वो बंदा 
लिख नाssss..?
उसकी मुस्कान पर खिल जाता है दिल 
उसके रूठते ही मर जाता है दिल 
अपनी रचना में दो अश्क़ गिरा 
पूरी सिद्द्त से उसे बुला 
देखना वो जरूर आयेगा 
तुझे चूमकर सीने से लगायेगा 
अरी रूठने मनाने की रीत है 
प्रेम में क्या हार क्या जीत है

©अज्ञात

अरी कलम लिखती क्यूँ नहीं उसके लिये वो सच में बहुत अच्छा है थोड़ा नाक में गुस्सा है फिर उम्र भी किशोर है यौवन का भी जोर है नाज़ नखरा तो बनता है अब इतना तो चलता है चल,हम उसे अपने ही ढंग से मनाते हैं उसके लिये कुछ लिख जाते हैं बोल उसे सूरज कह दूँ कि चंदा बड़ा कमाल है वो बंदा लिख नाssss..? उसकी मुस्कान पर खिल जाता है दिल उसके रूठते ही मर जाता है दिल अपनी रचना में दो अश्क़ गिरा पूरी सिद्द्त से उसे बुला देखना वो जरूर आयेगा तुझे चूमकर सीने से लगायेगा अरी रूठने मनाने की रीत है प्रेम में क्या हार क्या जीत है ©अज्ञात

#प्रेम

People who shared love close

More like this

Trending Topic