नफरत की आग नफरतों की आग मैं
हम खुद को जला देंगे
अगर तुम खुश रहे शकों
तों हम तुमको भुला देंगे
दिल में जगह दी थी तुमको
ये सोचकर जख्म जो पुराने हैं
तुम उनपर मरहम लगा दो गे
नहीं मालूम था हमको के
चार दिन हसाकर तुम हमको
रूला दोगे
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सुरेन्द्र लोहोट
01/02/2022
©surender kumar
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