आत्मा की लो को मैं तुम्हारे नाम से शीतल करूं, उत्क | हिंदी Poetry

"आत्मा की लो को मैं तुम्हारे नाम से शीतल करूं, उत्कंठ श्वास को मैं तुम्हारे दरस से शांत करूं। ©Heer"

 आत्मा की लो को मैं तुम्हारे नाम से शीतल करूं,
उत्कंठ श्वास को मैं तुम्हारे दरस से शांत करूं।

©Heer

आत्मा की लो को मैं तुम्हारे नाम से शीतल करूं, उत्कंठ श्वास को मैं तुम्हारे दरस से शांत करूं। ©Heer

#Fire #लो को शांत करू

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