खुद का लहजा बदलो जनाब मैं पहले जैसा नहीं रहा कोरे | हिंदी शायरी

"खुद का लहजा बदलो जनाब मैं पहले जैसा नहीं रहा कोरे पन्ने पे कुछ लिखा जाए तो पहले जैसा नहीं रहता आप तो पहले ही पड़ी जख्म देख चुके अब इस शरीर मे जगह नहीं जहां आप जख्म दे सको अब तो आप इस जिंदगी का मुकाम देखिए माना कि जिंदगी की शुरुआत अच्छी नहीं हुई लेकिन हम इस जिंदगी का अंत हसीन करके जाएंगे आप अभी देखते रह जाओगे"

 खुद का लहजा बदलो जनाब मैं पहले जैसा नहीं रहा कोरे पन्ने पे कुछ लिखा जाए तो पहले जैसा नहीं रहता आप तो पहले ही पड़ी जख्म देख चुके  अब इस शरीर मे जगह नहीं  जहां आप जख्म दे सको अब तो आप इस जिंदगी का मुकाम देखिए माना कि जिंदगी की शुरुआत अच्छी नहीं हुई लेकिन हम इस जिंदगी का अंत हसीन करके जाएंगे  आप अभी देखते रह जाओगे

खुद का लहजा बदलो जनाब मैं पहले जैसा नहीं रहा कोरे पन्ने पे कुछ लिखा जाए तो पहले जैसा नहीं रहता आप तो पहले ही पड़ी जख्म देख चुके अब इस शरीर मे जगह नहीं जहां आप जख्म दे सको अब तो आप इस जिंदगी का मुकाम देखिए माना कि जिंदगी की शुरुआत अच्छी नहीं हुई लेकिन हम इस जिंदगी का अंत हसीन करके जाएंगे आप अभी देखते रह जाओगे

brokenboy👨 @Rinu Maan @Puja Sharma

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