आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को
"आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखो से बिछड़टे देखा
किसी को अपनी पलके बिछाए इंतजार करते देखा
प्यार में तड़प कर रात भर जगते देखा
आँखो से आसु बहा कर मुस्कुरा ते देखा"
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखो से बिछड़टे देखा
किसी को अपनी पलके बिछाए इंतजार करते देखा
प्यार में तड़प कर रात भर जगते देखा
आँखो से आसु बहा कर मुस्कुरा ते देखा