White मैं गर याद बन जाऊं तो फिर कहानी में मिलूंगा
सर्द हवाओं में मिलूंगा बारिशों के पानी में मिलूंगा
अब तो कश्मकश ऐ जिंदगी में यूं शाम हो जाती हैं
ढूढोंगे मुझे अब फिर कहां किसी नादानी में मिलूंगा
तुम्हारी बस्ती में ठहरना अब मुनासिब नहीं रहा
मैं जब भी मिलूंगा अब सफ़र ऐ रवानी में मिलूंगा
हमारे जाने के बाद भी आबाद रहेगी ये दुनिया
अब मैं तुम्हें कहां किसी निशानी में मिलूंगा
©ML Suryavanshi
ये ज़िंदगी