आएगा लौटकर वो, उम्मीद है अब भी। ये ख्वाब टुटकर के | हिंदी शायरी

"आएगा लौटकर वो, उम्मीद है अब भी। ये ख्वाब टुटकर के बिखर क्यों नहीं जाता।। तू जा तो चुका है मेरी महफ़िल को छोड़ कर। जाना था तुझे दिल से मगर क्यों नहीं जाता।। हम भी भर लेते वो नूर अपनीं आंखों में । काश "नजमीं तेरा वो महताब आ जाता।। हर बात अपनीं दिल की जो मैंने बयां की । ये तीर -कलेजे से गुजर क्यूं नहीं जाता।। उसके सिवा भी है तेरी लोंगो को जरुरत।। नजमीं' तु लौटकर घर क्यूं नहीं जाता।। ✍️ ©Nasim Nazmi "Shayar""

 आएगा लौटकर वो, उम्मीद है अब भी।
ये ख्वाब टुटकर के बिखर क्यों नहीं जाता।।

तू जा तो चुका है मेरी महफ़िल को छोड़ कर।
जाना था तुझे दिल से मगर क्यों नहीं जाता।।

हम भी भर लेते वो नूर अपनीं आंखों में ।
काश "नजमीं तेरा वो महताब आ जाता।।

हर बात अपनीं दिल की जो मैंने बयां की ।
ये तीर -कलेजे से गुजर क्यूं नहीं जाता।।

उसके सिवा भी है तेरी लोंगो को जरुरत।।
नजमीं' तु लौटकर घर क्यूं नहीं जाता।।
✍️

©Nasim Nazmi "Shayar"

आएगा लौटकर वो, उम्मीद है अब भी। ये ख्वाब टुटकर के बिखर क्यों नहीं जाता।। तू जा तो चुका है मेरी महफ़िल को छोड़ कर। जाना था तुझे दिल से मगर क्यों नहीं जाता।। हम भी भर लेते वो नूर अपनीं आंखों में । काश "नजमीं तेरा वो महताब आ जाता।। हर बात अपनीं दिल की जो मैंने बयां की । ये तीर -कलेजे से गुजर क्यूं नहीं जाता।। उसके सिवा भी है तेरी लोंगो को जरुरत।। नजमीं' तु लौटकर घर क्यूं नहीं जाता।। ✍️ ©Nasim Nazmi "Shayar"

#alone

People who shared love close

More like this

Trending Topic