मैं इक मुद्दत से जिस दुश्मन की छानबीन में था वो ज़ | हिंदी Shayari

"मैं इक मुद्दत से जिस दुश्मन की छानबीन में था वो ज़हरीला भुजंग मेरी ही आस्तीन में था बाबू अली अब्र ©BABUALI"

 मैं इक मुद्दत से जिस दुश्मन की छानबीन में था

वो ज़हरीला भुजंग मेरी ही आस्तीन में था

बाबू अली अब्र

©BABUALI

मैं इक मुद्दत से जिस दुश्मन की छानबीन में था वो ज़हरीला भुजंग मेरी ही आस्तीन में था बाबू अली अब्र ©BABUALI

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