आज रात हुई बारिश से,
पहाड़ भी धुल गए।
प्रकृति की मिठास में,
मानो वे भी घुल घाय़े।।
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प्रातः काल का नजारा,
दिल का सुरूर हो गया।
रात्रि निंद्रा का आलस,
फ़ौरन दूर हो गया।।
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देख पहाड़ों की हरियाली,
मन-मस्तिष्क ऊर्जावान हुए।
उत्तराखंड की पावन धरती को,
पाकर हम धनवान हुए।।
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बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद,
सबका स्नेह और प्यार।
इन वादियों जैसा रहे,
हम सबका साथ सदबहार।।
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शुभ रात्रि 🌃 मधुर स्वप्न
- "विनम्र"
प्रकृति की सुंदरता #विनम्र