आज रात हुई बारिश से, पहाड़ भी धुल गए। प्रकृति की मि | हिंदी कविता

"आज रात हुई बारिश से, पहाड़ भी धुल गए। प्रकृति की मिठास में, मानो वे भी घुल घाय़े।। . प्रातः काल का नजारा, दिल का सुरूर हो गया। रात्रि निंद्रा का आलस, फ़ौरन दूर हो गया।। . देख पहाड़ों की हरियाली, मन-मस्तिष्क ऊर्जावान हुए। उत्तराखंड की पावन धरती को, पाकर हम धनवान हुए।। . बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद, सबका स्नेह और प्यार। इन वादियों जैसा रहे, हम सबका साथ सदबहार।। . शुभ रात्रि 🌃 मधुर स्वप्न - "विनम्र""

 आज रात हुई बारिश से,
पहाड़ भी धुल गए।
प्रकृति की मिठास में,
मानो वे भी घुल घाय़े।।
.
प्रातः काल का नजारा,
दिल का सुरूर हो गया।
रात्रि निंद्रा का आलस,
फ़ौरन दूर हो गया।।
.
देख पहाड़ों की हरियाली,
मन-मस्तिष्क ऊर्जावान हुए।
उत्तराखंड की पावन धरती को,
पाकर हम धनवान हुए।।
.
बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद,
सबका स्नेह और प्यार।
इन वादियों जैसा रहे,
हम सबका साथ सदबहार।।
.

शुभ रात्रि 🌃 मधुर स्वप्न
- "विनम्र"

आज रात हुई बारिश से, पहाड़ भी धुल गए। प्रकृति की मिठास में, मानो वे भी घुल घाय़े।। . प्रातः काल का नजारा, दिल का सुरूर हो गया। रात्रि निंद्रा का आलस, फ़ौरन दूर हो गया।। . देख पहाड़ों की हरियाली, मन-मस्तिष्क ऊर्जावान हुए। उत्तराखंड की पावन धरती को, पाकर हम धनवान हुए।। . बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद, सबका स्नेह और प्यार। इन वादियों जैसा रहे, हम सबका साथ सदबहार।। . शुभ रात्रि 🌃 मधुर स्वप्न - "विनम्र"

प्रकृति की सुंदरता #विनम्र

People who shared love close

More like this

Trending Topic