इस भरे शहर में ,,सरकार नही है ,, हद है ,,
एक भी मेरा ,,तरफदार नही हैं,, हद है ।।
#
मैं तेरे नाम के हर शक्श पे मर मिटता हूं,,
तू समझता है के प्यार नही है ,, हद है ।।
#
बीसियों साहिब ए दस्तार यहां है लेकिन,,
एक भी साहिब ए किरदार नही है ,, हद है ।।
#
कैसे होता है असर देख बुरी सोहबत का ,,
तेरा कुत्ता भी वफादार नही है ,, हद है ।।
#
मैं तुझे देखने लखनऊ तक आ गया हूं,,
और तू ठीक से तैयार नहीं है ,, हद है ।।
#
डूबता जाता हूं तस्वीरे बनाने वालो ,,,
कोई भी मेरा मददगार नही है ,, हद है ।।
#
कैसे होता है असर देख बुरी सोहबत का ,,
तेरा कुत्ता भी वफादार नही है,, हद है।।
#
(अली इरतिजा)
©Dr. of thuganomics
#kinaara