क़लम क़लम आगाज़ लिख, तू इंक़लाब लिख।
जीवन से मृत्यु बड़ी, सरदार भगत आज लिख।
अनीति के विरुद्ध लिख, रूढ़िवादी युद्ध लिख।
देश की शिराओं में, बहता रक्त आज लिख।
ये सोया समाज लिख, हर दबी आवाज़ लिख।
अब है स्वतंत्र तू, हर छोटी बड़ी बात लिख।
मन का विश्वास लिख, आम चाहे खास लिख।
जो ना जान पाया कभी, ऐसा कोई राज़ लिख।
वीर का अंदाज लिख, भारत की लाज लिख।
थोड़े में ज्यादा जिया, सरदार भगत आज लिख।
-कवि योगेश "योगी"
©योगेश योगी
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