हम खुश थेअपनी दुनिया में
फिर क्यों बुलाया हमें आपने।
खत्म हो चुका था बातो का सिलसिला,
तो फिर क्यों दोहराया बातो को आपने ।
हम खुश थेअपनी दुनिया में
फिर क्यों बुलाया हमें आपने।
समेट चुके थे आपकी यादों के पन्नों को ,
तो फिर क्यों पन्नों को बिखराया अपने।
हम खुश थेअपनी दुनिया में
फिर क्यों बुलाया हमें आपने।
भूल चुके थे हम हंसना ,
तो फिर क्यों हंसाया अपने।
हम खुश थेअपनी दुनिया में
फिर क्यों बुलाया हमें आपने।
जब छोड़ के जाना ही था तो ,
वापस आने का ढोंग क्यों रचाया आपने,
हम खुश थेअपनी दुनिया में
फिर क्यों बुलाया हमें आपने।।
#apkadost_1
#MakarSankranti2021