White शीर्षक ----अकेले से हो
इंस्टा की रीलो में,
व्हाट्स एप के झमेलों में,
मन तो उलझा है
फेसबुक डेट्स के मेलो में ll
कल की लाई सैंडिल
भी ओल्ड फैशन हो गई,
भरी कपड़ो की अलमारी
क्या पहनु की टेंशन हो गई ll
इतना उलझा है मन
की घर में होकर भी नही,
इस उछलते से लाइफ स्टाइल
का कोई ब्रोकर भी नही ll
तसल्ली को छोड़कर
सब कुछ मिल गया है,
ब्रेड जैम की रेस में
आलू पराठा मिस हो गया है ll
इक आंचल वाली मां
का रुबाब हट गया है l
स्विगी जमेटो से लो
झटपट आ गया है ll
पर दिल की गहराइयों
में कितने डूबे से हो,
मिलियन में फॉलोअर
होकर भी अकेले से हो ll
रचनाकार
दिलीप स्वामी,
बीकानेर, राजस्थान l
©Dilip Swami
#Sad_shayri
# आत्मा की स्याही
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#shayaari
#Loneliness