कहने को तो दुनिया एक है पर
हर हिस्से में कई अलग जिंदगी बस्ती
देखी है मैंने
कही कोई पलता है महलों की छाव में,
तो कही किसी का बचपन बीत गया तपती धूप से बचते बचाते पेड़ो की छाव में,
कोई फसा रह गया महंगे जूते चप्पलों के
चुनावो में
तो किसी ने गुजार दिया बचपन खेलते पैरो मे छाले लिए, सुविधाओ के अभावों में
©Priya's poetry life
#leaf #Life #Life_experience #Reality #Nojoto #nojotohindi #Thoughts #Poet #Poetry #Hindi