हिज़्र के गीतों को मेरे साथ दोहराता है मेर | हिंदी Shayari
"हिज़्र के गीतों को मेरे साथ दोहराता है
मेरे कमरे का पंखा सारी रात चिल्लाता है
बिछड़ जाने का सदमा मुझको ऐसा लगता है
किसी का कोई जैसे अकस्मात मर जाता है
-लाट साब"
हिज़्र के गीतों को मेरे साथ दोहराता है
मेरे कमरे का पंखा सारी रात चिल्लाता है
बिछड़ जाने का सदमा मुझको ऐसा लगता है
किसी का कोई जैसे अकस्मात मर जाता है
-लाट साब