सूर्य अकेले क्या कर लेंगे, तुम भी थोड़ा हाथ बढ़ाओ। | हिंदी Shayari

"सूर्य अकेले क्या कर लेंगे, तुम भी थोड़ा हाथ बढ़ाओ। अंधकार की क्या बिशात है, रात रातभर खुद चमकेगी। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)"

 सूर्य अकेले क्या कर लेंगे, तुम भी थोड़ा हाथ बढ़ाओ।
अंधकार की क्या बिशात है, रात रातभर खुद चमकेगी।

©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)

सूर्य अकेले क्या कर लेंगे, तुम भी थोड़ा हाथ बढ़ाओ। अंधकार की क्या बिशात है, रात रातभर खुद चमकेगी। ©सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र)

#कविता_संगम

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