याद है वो पल
जब हम पहली दफा मिले थे
दोनों के चहेरे कितने खिले थे
तुमने हाथ पकड़ मेरा
खुदके करीब लाया था,
डरा हुआ था कितना मैं
फिर प्यार से मैने भी
तुमको गले लगाया था।
याद है न जब तुम्हारे होठों ने
तुम मेरे हो इस बात का
एहसास कराया था,
गोद में बैठ मेरी कितना वक्त
तुमने मुझमें बिताया था।
अंजान था तुमसे फिर भी
हाथ बड़ाया था,
मुझे सब याद है
क्या तुमको याद है जो भी पल
हमने साथ बिताया था।
©VIJAY PRATAP