रोना आया तो बहुत परन्तु मैं रोई नहीं , हुए कई फेर | हिंदी कविता Video

" रोना आया तो बहुत परन्तु मैं रोई नहीं , हुए कई फेर - बदल जीवन की राहों में , परन्तु मैं खोई नहीं । दिखाया सौ- सौ बार वक्त ने अपना बायानक रूप, थी जब पूरी दुनियां के ऊपर छाव फैली , मेरे ऊपर पड़ी हुई थी कड़ी धुप । पर ना मंजूर मुझे यूं रुकना अभी , है उम्मीद चलते- चलते मिल जाएगी मंजिल कभी।। ©Pooja Saini "

रोना आया तो बहुत परन्तु मैं रोई नहीं , हुए कई फेर - बदल जीवन की राहों में , परन्तु मैं खोई नहीं । दिखाया सौ- सौ बार वक्त ने अपना बायानक रूप, थी जब पूरी दुनियां के ऊपर छाव फैली , मेरे ऊपर पड़ी हुई थी कड़ी धुप । पर ना मंजूर मुझे यूं रुकना अभी , है उम्मीद चलते- चलते मिल जाएगी मंजिल कभी।। ©Pooja Saini

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