रूढ़ जाते है लोग अक्सर मुझसे
और मुझे मानना भी नही आता,
चाहती हू क्या मैं
मुझे जताना भी नहीं आता,
लोग कहते हैं मेरा दिल है पत्थर का
अब क्या कहूं मैं उनसे
आसुओं को पीने की आदत हैं पुरानी मेरी
मुझे आसू बहाना नहीं आता,
अब क्या कहूं मैं उनसे
मुझे क्या आता हैं और क्या नहीं आता,
बस मूझे मौसम की तरह
बदलना नही आता।
©nimi_ta
#पत्थर