#OpenPoetry chal chal thoda aage to chal पीछे ना ह

"#OpenPoetry chal chal thoda aage to chal पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल पीछे हटेगा फिर तू रुकेगा किसी के सामने फिर तू झुकेगा काम नहीं होगा तेरे पास नाम नहीं होगा तेरे पास खास नहीं होगा फिर तू बिंदास नहीं होगा फिर तू शिखर पे चढना है कर दे चढ़ाई शुरू घमंड ना कर पर मान ले तू खुद को गुरु चल चल चल चल चल चल थोड़ा आगे तो चल पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल तुझे खुद की ही माननी है दिल की ये बाते जाननी है कौन क्या कहेगा कहते है लोग तुझको बना देंगे पटे वाला डोग इधर है जाना उधर है जाना उनकी ही मर्जी से पाएगा तू भोक रोक,जरा खुद को तू रोक सोच,जरा एक बार सोच तुझे जो भी है करना तेरे दिल में है असली जुनून तेरे दिल में है दिल का तू काम कर फिर देखना असली शुकून तेरे दिल में है यही है मौका दुनिया तो धोखा इस बार नहीं तो अगली बार क्या होगा सर्कस दुनिया ये सारी है कुछ भी समझ नहीं आरी है हसता है कोई कोई रोता है ऊपर जाता है नीचे गिर जाता है जो खुद को संभाल पाता है वो आगे बढ़ जाता है तो चल चल चल थोड़ा आगे तो चल पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल pranshul kaushik............. k"

 #OpenPoetry chal chal thoda aage to chal
पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल
पीछे हटेगा फिर तू रुकेगा
किसी के सामने फिर तू झुकेगा
काम नहीं होगा तेरे पास 
नाम नहीं होगा तेरे पास
खास नहीं होगा फिर तू
बिंदास नहीं होगा फिर तू
शिखर पे चढना है 
कर दे चढ़ाई शुरू
घमंड ना कर पर 
मान ले तू खुद को गुरु

चल चल चल 
चल चल चल 
थोड़ा आगे तो चल 
पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल 


तुझे खुद की ही माननी है
दिल की ये बाते जाननी है
कौन क्या कहेगा कहते है लोग
तुझको बना देंगे पटे वाला डोग
इधर है जाना उधर है जाना 
उनकी ही मर्जी से पाएगा तू भोक
रोक,जरा खुद को तू रोक
सोच,जरा एक बार सोच
तुझे जो भी है करना 
तेरे दिल में है 
असली जुनून
तेरे दिल में है
दिल का तू काम कर फिर देखना 
असली शुकून
तेरे दिल में है
यही है मौका दुनिया तो धोखा 
इस बार नहीं तो अगली बार क्या होगा
सर्कस दुनिया ये सारी है 
कुछ भी समझ नहीं आरी है
हसता है कोई कोई रोता है
ऊपर जाता है नीचे गिर जाता है
जो खुद को संभाल पाता है 
वो आगे बढ़ जाता है


तो चल चल चल
थोड़ा आगे तो चल 
पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल
pranshul kaushik.............

k

#OpenPoetry chal chal thoda aage to chal पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल पीछे हटेगा फिर तू रुकेगा किसी के सामने फिर तू झुकेगा काम नहीं होगा तेरे पास नाम नहीं होगा तेरे पास खास नहीं होगा फिर तू बिंदास नहीं होगा फिर तू शिखर पे चढना है कर दे चढ़ाई शुरू घमंड ना कर पर मान ले तू खुद को गुरु चल चल चल चल चल चल थोड़ा आगे तो चल पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल तुझे खुद की ही माननी है दिल की ये बाते जाननी है कौन क्या कहेगा कहते है लोग तुझको बना देंगे पटे वाला डोग इधर है जाना उधर है जाना उनकी ही मर्जी से पाएगा तू भोक रोक,जरा खुद को तू रोक सोच,जरा एक बार सोच तुझे जो भी है करना तेरे दिल में है असली जुनून तेरे दिल में है दिल का तू काम कर फिर देखना असली शुकून तेरे दिल में है यही है मौका दुनिया तो धोखा इस बार नहीं तो अगली बार क्या होगा सर्कस दुनिया ये सारी है कुछ भी समझ नहीं आरी है हसता है कोई कोई रोता है ऊपर जाता है नीचे गिर जाता है जो खुद को संभाल पाता है वो आगे बढ़ जाता है तो चल चल चल थोड़ा आगे तो चल पीछे ना हट थोड़ा आगे तो चल pranshul kaushik............. k

my poem🙂😊😊

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