प्रकृति ने अपना रूप बदल समझाया हमें हमेशा है । मा | हिंदी कविता

"प्रकृति ने अपना रूप बदल समझाया हमें हमेशा है । मानवता का दम घुट रहा हाय माहौल यह कैसा है । दुनिया जिसमे हर पल पैसो की हवाएं चलती थी, उसी खुदगर्ज दुनिया मे देखोआज हवा का पैसा है । ©kavi Chetan"

 प्रकृति ने अपना रूप बदल समझाया हमें हमेशा है ।

मानवता का दम घुट रहा हाय माहौल यह कैसा है ।

दुनिया जिसमे हर पल पैसो की हवाएं चलती थी,

उसी खुदगर्ज दुनिया मे देखोआज हवा का पैसा है ।

©kavi Chetan

प्रकृति ने अपना रूप बदल समझाया हमें हमेशा है । मानवता का दम घुट रहा हाय माहौल यह कैसा है । दुनिया जिसमे हर पल पैसो की हवाएं चलती थी, उसी खुदगर्ज दुनिया मे देखोआज हवा का पैसा है । ©kavi Chetan

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