White तेरा प्रेम हलाहल प्यारे, अब तो सुख से पीते हैं
विरह सुधा से बचे हुए हैं, मरने को हम जीते हैं।
दौड़-दौड़ कर थका हुआ है, पड़ कर प्रेम-पिपासा में
हृदय ख़ूब ही भटक चुका है, मृग-मरीचिका आशा में।
मेरे मरुमय जीवन के हे सुधा-स्रोत! दिखला जाओ
अपनी आँखों के आँसू से इसको भी नहला जाओ।
डरो नहीं, जो तुमको मेरा उपालंभ सुनना होगा
केवल एक तुम्हारा चुंबन इस मुख को चुप कर देगा
©"SILENT"
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