"आखों को अपनी बंद रखना या खोलना फिर सिर्फ अपने चाहने वाले का नाम बोलना
अगर लिखना हो कुछ तो आँखें पढना उसकी
अगर बोलना हो कुछ तो जुबान से उसका ही नाम बोलना
यहीं तो प्यार होता हैं जो दिखता नही बस महसुस होता हैं
प्यार करने वाला हर शकस अल्लाह से रूबरू होता हैं
@Neelam Rani
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