✍️आज की डायरी✍️ रईसजादे कहाँ जान पाते हैं, एक रोट | हिंदी शायरी

"✍️आज की डायरी✍️ रईसजादे कहाँ जान पाते हैं, एक रोटी की क़ीमत क्या होती है । शाम का निवाला कैसे आता है ,मज़दूर का पसीना ही बताता है हमें ।। मेहनत ही जिनका तरीका है घर -परिवार को पालने के लिए । कठिनाई में उनका मुस्कुराना जीने का सलीका सिखाता है हमें ।। मज़दूर दिवस पर बस......... ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र"

 ✍️आज की डायरी✍️

रईसजादे कहाँ जान पाते हैं, एक रोटी की क़ीमत क्या होती है । 

शाम का निवाला कैसे आता है ,मज़दूर का पसीना ही बताता है हमें ।।

मेहनत ही जिनका तरीका है घर -परिवार को पालने के लिए  । 

कठिनाई में उनका मुस्कुराना जीने का सलीका सिखाता है हमें  ।। 

                 मज़दूर दिवस पर बस.........

                           ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️ रईसजादे कहाँ जान पाते हैं, एक रोटी की क़ीमत क्या होती है । शाम का निवाला कैसे आता है ,मज़दूर का पसीना ही बताता है हमें ।। मेहनत ही जिनका तरीका है घर -परिवार को पालने के लिए । कठिनाई में उनका मुस्कुराना जीने का सलीका सिखाता है हमें ।। मज़दूर दिवस पर बस......... ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र

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