Alone क्या वह तेरी आंखें थीँ? या किसी सागर की गहर | हिंदी शायरी
"Alone क्या वह तेरी आंखें थीँ?
या किसी सागर की गहराई?
डूबा कुछ इस कदर में जिसमें।
ना दिखी मुझे फिर खुद की ही परछाई!
मेने तो बस थोडा तैरना चाहा उनमे
किन्तु तुमने तो पलकें ही ना ज़ब्कायी
क्या वह तेरी आंखें थीँ?
या किसी सागर की .....
@black_heart__47"
Alone क्या वह तेरी आंखें थीँ?
या किसी सागर की गहराई?
डूबा कुछ इस कदर में जिसमें।
ना दिखी मुझे फिर खुद की ही परछाई!
मेने तो बस थोडा तैरना चाहा उनमे
किन्तु तुमने तो पलकें ही ना ज़ब्कायी
क्या वह तेरी आंखें थीँ?
या किसी सागर की .....
@black_heart__47