यही सोचकर शायद वो मुझसे नही मिलता। दरिया मिलता है | हिंदी शायरी
"यही सोचकर शायद वो मुझसे नही मिलता।
दरिया मिलता है समंदर से ,समंदर किसी दरिया से नही मिलता ।।
वो इत्तेफाकन मिलना तुझसे और तेरा नज़रे चुरा लेना ।
कभी नज़र नही मिलती तो कभी वो नही मिलता ।।
#Maddy"
यही सोचकर शायद वो मुझसे नही मिलता।
दरिया मिलता है समंदर से ,समंदर किसी दरिया से नही मिलता ।।
वो इत्तेफाकन मिलना तुझसे और तेरा नज़रे चुरा लेना ।
कभी नज़र नही मिलती तो कभी वो नही मिलता ।।
#Maddy