White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पत | हिंदी Poetry

"White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा खुशियों का समुंद्र भर लाओ सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा ©seema patidar"

 White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा
जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है
हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है
हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है
तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा
खुशियों का समुंद्र भर लाओ 
सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ
कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ
चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर
तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा

©seema patidar

White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा खुशियों का समुंद्र भर लाओ सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा ©seema patidar

कुछ वक्त और ......

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