हज़ार कोशिशे की समझाने की,
एक खुद को न समझा सका
मांगी दुआ हर बार तेरे लिए,
एक खुद के लिए न मांग सका
काश तुम रक़ीब होते मेरे लिए,
तो राहों में यूँ मैं बिखरा न होता
इश्क़ के जो वादे किए तुमने,
सच्चे, झूठे इनमें मैं सिमटा न होता
~ Neha
@_Sufiwords_
#lovebeat