कवि मन की हूँ किताबों से प्यार है... लोगों से नहीं

"कवि मन की हूँ किताबों से प्यार है... लोगों से नहीं यारा उनके विचारों से घृणा है.. ©Prajakta"

 कवि मन की हूँ किताबों से प्यार है...
लोगों से नहीं यारा उनके विचारों से घृणा है..

©Prajakta

कवि मन की हूँ किताबों से प्यार है... लोगों से नहीं यारा उनके विचारों से घृणा है.. ©Prajakta

Log bure nahi hote har koi achha hota hai bas unke vichar unhe burai ke marg per chalne ke liye majbur karte hai❤ isliye unke vicharo se nafrat karni chaiye unse nahi aisa mera mana hai🤗

#rayofhope

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