सावन की हर बूंदों में भीगा जाना तुम,
हम पर कोई उंगली करें तो गर्ज जाना तुम।
सुबह की हर किरणों में जगा जाना तुम,
कोई हमें देखे तो जला देना तुम।
इन हवाओं में अपना एहसास छोड़ जाना तुम,
गर ना आ पाए तो हमारी रूह ले जाना तुम।
©Tulsi
सावन की हर बूंदों में भीगा जाना तुम,
हम पर कोई उंगली करें तो गर्ज जाना तुम।
सुबह की हर किरणों में जगा जाना तुम,
कोई हमें देखे तो जला देना तुम।
इन हवाओं में अपना एहसास छोड़ जाना तुम,
गर ना आ पाए तो हमारी रूह ले जाना तुम।