मत कर मोहब्बत तु पछतायेगा ।
खुशी से ज्यादा गम है इसमें ,
तन्हाई कैसे सह पाएगा ।
पल भर को मान लिया साथ उसके तू खुशियां मनाएगा ,
पर कब तक ??
जुदाई भी तो होनी है ,
बिन उसके कैसे रह पाएगा ।।
इसमें आंसुओं की सौगात मिलेगी,
तकलीफों की बारात मिलेगी ,
जिंदगी बर्बाद सी हो जाएगी और कुछ ना हाथ लगेगी ।।
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