ज्ञान सागर के पुंज आप हो ,सागर जैसे आप विशाल ।
अपनी बूदों से हमको सींचा ,और दिया हमको आकार ।
शब्दों से कैसे खेलें खेल ,ये सब आपने हमें सिखाया ।
अंधकार और अज्ञानता को दूर कर ,सिर्फ आपने ही हमें सफल बनाया।
उलझे शब्दों को कैसे सुलझायें ,कैसे जीवन को सरल और सुगम बनायें ।
हे। गुरुवर आपने ही तो हमें सिखाया।।
©Negi Girl Kammu
गुरू बिना ज्ञान नहीं।