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ये कातिल खंजर सी मुस्कान को छुपाया ना करों,
यूं आहिस्ता-आहिस्ता पलकें झपकाया ना करों।
इश्क़ बड़ा नादान है,
ये महबूब के बिना रह नहीं सकता।
बहुत शर्मीला है, कुछ कह नहीं सकता।
इसको तड़पाया ना करों,
यूं मुझसे दूर ज़ाया ना करों।
-------------आनन्द
©आनन्द कुमार
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