उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और तेरी चाहत | हिंदी शायरी
"उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और तेरी चाहत ने मुझको दीवाना बना दीया अच्छे भले आदमी को पैजामा बना दिया समझ बैठे थे खुद को कन्हैया तेरे खर्चों ने मुझको सुदामा बना दिया"
उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और तेरी चाहत ने मुझको दीवाना बना दीया अच्छे भले आदमी को पैजामा बना दिया समझ बैठे थे खुद को कन्हैया तेरे खर्चों ने मुझको सुदामा बना दिया